आप संसारी हैं या साधक, इसकी जाँच के लिए निम्न मानक हैं—-
१)आपकी श्रद्धा बढ़ी या नहीं।
२)निश्चिंतता बढ़ी या नहीं।
३)संसार का भरोसा कम हुआ
या नहीं।
४) भीड़ अच्छी लगती है या
एकांत।
५)ज्ञान की पिपासा बढ़ी या
नहीं।
६)सत्कर्म या दुष्कर्म, किसमें
मन अधिक लगता है।
जय शंकर
(Courtesy : message from Swami Veereshwarji)